चंडीगढ़। पंजाब के उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा ने सिख धर्म और इतिहास की पुख़ता और विस्तारपूर्वक जानकारी देने वाले महान कोष का नौंवां एडीशन रिलीज़ किया। इस महान कोष की रचना संसार के प्रसिद्ध सिख विद्वान भाई काहन सिंह नाभा ने पिछली सदी में कीे थी।बाजवा ने शुक्रवार को यहां इसके इलावा भाषा विभाग के सीनियर अधिकारियों की उपस्थिति में विभाग द्वारा गुरू नानक देवजी के 550 साला प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रकाशित की तीन पुस्तकें – सुल्तानपुर लोधी, बटाला और डेरा बाबा नानक भी रिलीज़ की। उन्होंने विभाग के इस प्रयास की सराहना करते हुये भविष्य में भी ऐसे बढिय़ा कार्य जारी रखने के लिए प्रोत्साहन दिया।पंजाब भाषा विभाग की डायरेक्टर करमजीत कौर ने इस अवसर पर जानकारी सांझा करते हुए कहा कि भाई काहन सिंह नाभा द्वारा रचित महान कोष भाषा विभाग द्वारा प्रकाशित किए जाते महत्वपूर्ण प्रकाशनों में शामिल है और बाकी प्रकाशनों के मुकाबले हमेशा ही भाई काहन सिंह नाभा द्वारा रचित महान कोष की मांग और ज्यादा रही है।

इसी के मद्देनजऱ भाषा विभाग पंजाब द्वारा भाई काहन सिंह नाभा के महान कोश का 9वां एडीशन प्रकाशित किया गया है।उन्होंने इस सम्बन्धित और जानकारी देते हुये बताया कि इसका बड़ा कारण यह है कि विभाग की तरफ से इस महत्त्वपूर्ण कोष में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई। यह भाई काहन सिंह की लगभग 15 वर्षों की मेहनत से तैयार किया गया था।1930 में पहली बार महाराजा भुपिन्दर सिंह ने रियासत पटियाला की तरफ से 51000 रुपए ख़र्च कर इसका पहला एडीशन प्रकाशित करवाया था।डायरेक्टर ने बताया कि भाषा विभाग द्वारा प्रकाशित महान कोष की मांग और ज्यादा होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इसकी कीमत सिर्फ 500 रुपए है और बाज़ार में निजी प्रकाशकों और दूसरे अदारों द्वारा छापे जाने वाले महानकोशों की कीमत कम से कम इससे पांच गुणा अधिक है।इस मौके पर डायरेक्टर भाषा विभाग ने मंत्री को बताया कि इनके अलावा विभाग द्वारा गुरु नानक देव जी की विचारधारा और दर्शन से सम्बन्धित अन्य पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जा रहा है। इसके साथ ही साल 1969 से चलाई जा रही भाषाई और सांस्कृतिक, सर्वेक्षण स्कीम के अधीन अब तक पंजाब के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, भौगोलिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों से सम्बन्धित 55 के लगभग पुस्तकें प्रकाशन के लिए तैयार हैं।

इस अवसर पर अन्यों के अलावा उच्च शिक्षा मंत्री के ओ.एस.डी गुरदर्शन सिंह बाहिया, डिप्टी डायरैक्टर डाॅ. वीरपाल कौर, डिप्टी डायरैक्टर डाॅ. सतनाम सिंह, सहायक डायरेक्टर पिरतपाल कौर, सहायक डायरेक्टर हरप्रीत कौर, सहायक डायरेक्टर डाॅ. हरनेक सिंह, सहायक डायरेक्टर स. सतनाम सिंह, सहायक डायरेक्टर कंवलजीत कौर, अनुसंधान अधिकारी परवीन कुमार और विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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